आम चुनाव २००९ संपन हो चुका है लेकिन जो मुद्दे चल रहे थे ,उनका जिक्र मै करना चाहू गा । कांग्रेस तो जय हो में जय होगई । लेकिन भाजपा तो भय में चली गई । लेकिन कांग्रेस रोजगार की नई ब्यवस्था कर के बेरोजगारों की जय हो करे गी । हो सकता है ,अडवाणी जी भय का नारा फीर याद कर ले । लेकिन बेचारे अभी सदमे से उठे है ,ये जोहमत नही उठाये गे । कही पार्टी विरोध न कर जाय। भय का नारा आडवानी को सदमे में भेज दिया ।
विपक्ष का नेता नही रहे गे । कही उनका संकेत पार्टी के मुखिया राजनाथ की तरफ़ तो नही। लेकिन राज का नाथ खुद हो उसका राज कौन जन सकता है। जय हो राज ।
राहुल तेरी जय हो । सोनिया तेरी जय हो ?मनमोहन सिंह आपतो किंग है ,आप की जय तो पंजाब की जनता ने कर दी।
रहमान ने तो पूरी जय की टीम खड़ी कर दी। आस्कर का अवार्ड पाए । कांग्रेस ने तो इस गीत को चुनाव में भुनाया । भाजपा के आडवानी ने तो ख़ुद गीत बनाया । भय हो । अब इनसे निजात नही मेले गा । ये दोनों भाई बन चुके है । सिक्के के दो पहलू।
Sunday, May 24, 2009
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